सरकार ने 7 वें वेतन आयोग की सिफारिश से अलग न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फेक्टर को बढ़ाने के लिए हरी झंडी दे दी है। यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है।
एनएसी और व्यय विभाग इस मामले को अंतिम रूप देंगे, जिसके बाद कैबिनेट जनवरी 2018 में इसे स्वीकृति देगी। एनएसी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की जांच करने के लिए बनाई गई थी। सरकार ने आश्वासन दिया था कि विसंगतियों की जांच होगी।
अब एनएसी को सैलरी और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी के साथ आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया है।
इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए किया जा सकता है।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने ग्रीन सिग्नल देने का फैसला किया क्योंकि इसके पास धन था।
सरकार को पता है कि उनके पास केंद्र सरकार के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के लिए पैसा है। वेतन बढ़ोतरी कितनी की जाएगी इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम वेतन को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 26,000 रुपए महीने किया जाए और फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना बढ़ाने के बजाए 3.68 गुना बढ़ाया जाए।