iPhone का हर कोई दीवाना है। आईफोन खरीदने के लिए लोगों का जुनून देखते ही बनता है। अभी एप्पल ने आईफोन के 3 नए मॉडल लांच किये हैं : iPhone 8, iPhone 8 प्लस और iPhone 10.
आईफोन 8 के 64 जीबी मॉडल की भारत में कीमत 64,000 रुपये होगी वहीं इसके 256 जीबी मॉडल की कीमत 77,000 होगी. इस बार कंपनी ने बेस मॉडल 64 जीबी रखा है. iPhone 8 प्लस की. इसकी कीमत 73,000 रुपये से शुरु होगी। भारत में 64 जीबी मॉडल की कीमत 73,000 रुपये और 256 जीबी मॉडल की कीमत 86,000 रुपये होगी।
दरअसल, मार्केट में नकली (fake) आईफोन भी मिल रहे हैं। इतनी भारी भरकम कीमत देकर भी आपको ये पता चले कि आपका आईफोन नकली है तो आपको सदमा लग सकता है। हम आपको बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं जिससे आप असली और नकली आईफोन के बारे तुरंत पता कर सकेंगे और ठगी के शिकार होने से बच जायेंगे।
बॉक्स
आपका नया आईफोन असली है या नकली, इसकी शुरुआत उसके बॉक्स से शुरू हो जाती है। दरअसल, दोनों के बॉक्स में बड़ा अंतर है। दोनों बॉक्स में सबसे पहला और बड़ा अंतर ये है कि असली पर ब्लैक कलर के टेक्स्ट में iPhone, जबकि नकली वाले बॉक्स पर गोल्ड या ऑरेंज कलर के टेक्स्ट में iPhone लिखा होता है। ऑरिजनल के पीछे फोन के बारे में कुछ लिखा होता है। साथ ही, इस पर बार कोड होता है। जबकि, फेक बॉक्स के पीछे कुछ नहीं लिखा होता।
फोन का बैक
आईफोन के रियल और फेक फोन के बीच पता लगाने का आसान तरीका इसकी बैक साइड है। दरअसल, बैक कवर पर iPhone के नीचे की तरफ जो अन्य टेक्स्ट लिखे होते हैं, वो बॉटम की तरफ होते हैं। दूसरी तरफ, फेक फोन में ये सब कुछ थोड़ा ऊपर की तरफ होता है। इसके अलावा, आईफोन का लोगो फेक फोन में किसी मिरर की तरह होता है। यानी इसमें शेडो रिफलेक्ट होती है। दूसरी तरफ, ऑरिजनल फोन में लोगो रिफलेक्ट नहीं करता। हालांकि, साइनिंग इसमें भी होती है। वहीं, बैक में जो लाइन होती हैं इनमें भी बड़ा अंतर होता है।
एक्सेसरीज
पेपर्स के नीचे की तरफ आईफोन की एक्सेसरीज का प्लास्टिक ट्रे होती है। इसमें एक इयरफोन होता है। ये इयरफोन देखने में दोनों बॉक्स (ऑरिजनल और फेक) में एक जैसा होता है। ऐसे में इसकी क्वालिटी का पता सुनने के बाद ही लग सकता है। ऑरिजनल ट्रे में डाटा केबल और चार्जर की जगह होती है, जबकि फेक के अंदर सिर्फ चार्जर की जगह दिखती है। फेक बॉक्स में डाटा केबल इयरफोन के नीचे की तरफ होती है। इस तरह आप दोनों बॉक्स के अंदर के डिजाइन को देखकर भी असली-नकली का पता लगा सकते हैं। *डिस्प्ले और आईकॉन
बॉडी और बाहरी हार्डवेयर के बाद बात करते हैं डिस्पेल और आईकॉन की। जब इन दोनों फोन को ऑन (On) किया गया, जो डिस्प्ले में सबसे बड़ा अंतर शार्पनेस का आता है। वहीं, ऊपर की तरफ जो बैटरी परसेंट का आईकॉन डिफरेंट कलर का होता है। वहीं, नीचे की तरफ कैमरा का आईकॉन भी अलग है। दोनों हैंडसेट में 'slide to unloke' का ऑप्शन भी अलग तरह से डिस्प्ले होता है। रियल आईफोन में ये ऑप्शन एनिमेशन के साथ आता है, जबकि फेक में डायरेक्ट शो करता है।
ऐप स्टोर
फेक आईफोन का ऐप स्टोर चाइनीज है। यानी जब आप इसके ओपन करेंगे तो ये चीनी भाषा के साथ खुलेगा। इसमें जो भी ऐप्स नजर आएंगे उन सभी के नीचे चीनी भाषा में लिखा होता है। हालांकि, ऐप सर्च के लिए इस्तेमाल होने वाली की-बोर्ड अंग्रेजी में आता है, लेकिन जब सर्च शुरू करते हैं तो वो चीनी भाषा में ही सर्च करता है। इतना ही नहीं, सर्च रिजल्ट में आने वाले सभी ऐप्स चीनी होते हैं। दूसरी तरफ, रियल आईफोन में सब कुछ अंग्रेजी भाषा में आता है। यानी अगर यूजर ने बॉक्स देखकर आईफोन खरीद लिया, तो वो चीनी हैंडसेट भी हो सकता है।
नॉटिफिकेशन स्क्रीन
दोनों आईफोन (रियल और फेक) की नॉटिफिकेशन स्क्रीन में भी बड़ा अंतर है। रियल की स्क्रीन ब्लैक होती है, जबकि फेक की स्क्रीन कलरफुल है। इसके साथ, जब दोनों के Today ऑप्शन पर क्लिक करें तो रियल डे और डेट शो करता है। वहीं, फेक में ऐसा नहीं है। इसके बाद, जब कंट्रोल मेनु (नीचे की तरफ से स्क्रॉल करके) पर जाएं, तो यहां दोनों में एक जैसे फीचर्स नजर आते हैं। हालांकि, रियल में AirDrop होता है, वहीं फेक में AirDrop के साथ कुछ चीनी भाषा के सिंबल भी आते हैं।
बटन और मोटाई
जब यूजर रियल और फेक आईफोन की मोटाई और बटन की तुलना करेंगे, तो सावधानी ज्यादा दिखाना होगी। दरअसल, दोनों ही फोन लगभग बराबर मोटे नजर आते हैं। हालांकि, जब दोनों को करीब से देखा जाए तो रियल फेक से थोड़ा पतला है। दूसरी तरफ, साइड बटन भी देखने में एक जैसे हैं, लेकिन जब इन्हें इस्तेमाल करते हैं तो रियल की तुलना में फेक के बटन हार्ड हैं और इन्हें दबाने में ज्यादा ताकत लगती है। वहीं, वॉल्यूम की (Key) भी रियल की ज्यादा फ्री हैं। इन्हें दबाने पर ये आवाज करती हैं, लेकिन फेक में ऐसा नहीं है। इसके अलावा, रियल में मौजूद वाइब्रेशन बटन भी आसानी से मूव होता है, जबकि फेक में ऐसा नहीं है।